माकपा नेता और जमीन कोराबरी सुभाष मुंडा हत्याकांड मामले का रांची पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर लिया। इस मामले में रांची पुलिस ने तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों का नाम विनोद कुमार, छोटू खलखो और अभिजीत है। बता दें कि 26 जुलाई की रात 8 बजे नगड़ी थाना अन्तर्गत दलादली चौक के समीप सुभाष मुंडा की उनके कार्यालय में घुसकर अज्ञात अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना को लेकर हुए व्यापक विरोध के बाद इस हत्याकांड का खुलासा करने के लिए सिटी एसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। एसएसपी किशोर कौशल ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया।
प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी ने बताया कि अनुसंधान के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि इस हत्याकाण्ड की पृष्ठभूमि जमीन विवाद से संबंधित है। माकपा नेता सुभाष मुंडा जो मूलतः जमीन कारोबारी थे, का विवाद दलादली मौजा स्थित 119 डीसमिल के 5 के स्वामित्व के लेकर लालगुटवा के रहने वाले जमीन कारोबारी छोटू खलखो उर्फ छोटू उरांव के भू-खण्ड साथ था। पूर्व में भी 90 डिसमिल जमीन जो छोटू खलखो के द्वारा एग्रीमेंट किया गया था उस पर भी मृतक के साथ विवाद चला आ रहा था जिससे छोटू खलखो काफी खफा था।
आरोपी छोटू खलको ने 119 डीसमिल जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से मृतक सुभाष मुंडा के सहयोगी विनोद कुमार उर्फ कन्हैया को उस जमीन में आधा हिस्सा देने का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में किया जिसके बाद छोटू खलखो और बिनोद कुमार उर्फ कन्हैया ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर विनोद महतो की शादी के समय से ही सुभाष मुंडा की हत्या की साजिश रची। इसमें सहयोगी (शूटर) के लिए छोटू खलखो ने अपने सहयोगी मित्र कुख्यात अपराधकर्मी से संपर्क किया जिसके बाद 15 लाख रूपया नगद एवं 10 डीसमिल जमीन (उस प्लॉट में से ही) देने की शर्त पर उस अपराधकर्मी शूटर की व्यवस्था एवं हत्या करने के लिए तैयार हुआ।
पूर्व में छोटू खलखो के द्वारा उक्त अपराधकर्मी को 06 डिसमिल जमीन दी गई एवं घटना के पूर्व विनोद कुमार उर्फ कन्हैया के द्वारा उक्त अपराधकर्मी को 03 लाख रूपया एवं छोटू खलखो के द्वारा 01 लाख रूपया अग्रिम राशि के रूप में एवं छोटू खलखो के द्वारा एक 7।65 mm का देसी पिस्टल भी उस अपराधकर्मी को उपलब्ध कराया गया। उस अपराधकर्मी घटना के पूर्व अपने साथ 02 शूटर लाकर छोटू खलखो और बिनोद कुमार के सहयोग से घटनास्थल की रेकी की गयी। घटना के दिन षडयंत्र में सक्रिय रूप से शामिल बिनोद कुमार द्वारा मृतक की लगातार रेकी की गयी और इसकी सूचना से छोटू खलखो को अवगत कराया, इसके आधार पर छोटू खलखो द्वारा इसकी सूचना उक्त अपराधकर्मी को दिया गया जिसके बाद उक्त अपराधकर्मी द्वारा अपने भेजे गये शूटरो के माध्यम से इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना घटित होने की जानकारी मिलने के बाद छोटू खलखो, बिनोद कुमार, अभिजाती पाड़ी एवं कुछ अन्य आपराधिक सहयोगी दिखावे के तौर पर दलादली चौक पहुचे और उग्र भीड़ में शामिल होकर सरकारी कार्य में व्यवधान डालने एवं तोड़फोड़, आगजनी में सक्रिय भूमिका भी निभाई। घटना के बाद अगले दिन हत्या में प्रयुक्त देसी हथियार छोटू खलखो को वापस कर दिया गया, जो छोटू खलखो के निशानदेही पर उसके घर से बरामद किया गया।
घटना के बाद भेद खुलने के डर से छोटू खलखो ने साजिश में शामिल अन्य आपराधिक सहयोगियों के साथ अपने पास उपलब्ध अन्य हथियारों के साथ भाग रहे थे जिसकी सूचना के आधार पर विगत रात्रि नया सराय नगड़ी रोड़ से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान छोटू खलखो एवं उसके अपराधी सहयोगियों के पास से वाहन में छुपाकर रखे गये हथियार एवं गोली को बरामद किया गया जिसके संबंध में अलग से नगड़ी थाना में काण्ड दर्ज किया गया है। घटना में शामिल अन्य अपराधियों एवं शूटरों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी जारी है।
माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड का खुलासा, तीन गिरफ्तार
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