एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने 13 साल पुराने रिश्वत मामले के आरोपी राष्ट्रीय बचत कार्यालय के तत्कालीन बड़ा बाबू सुरेंद्र प्रसाद(70) को दोषी पाया और डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त छह महीने जेल काटनी होगी। अभियुक्त कचहरी चौक स्थित राष्ट्रीय बचत कार्यालय में फरवरी 2010 में बड़ा बाबू के पद पर कार्यरत थे। एसीबी की टीम ने 25 फरवरी 2010 को सुरेंद्र प्रसाद को दो हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। उस पर पुरूषोत्तम सिंह से पोस्ट ऑफिस से निर्गत होनेवाले एनएसी, केवीपी व आरडी का लाइसेंस जारी करने के एवज में रिश्वत ले रहा था। मामले में सुनवाई के दौरा एसीबी के विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने अदालत के समक्ष 10 गवाहों को प्रस्तुत किया था। सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया था। जिसके आधार पर अदालत ने दोषी पाकर सजा सुनाई है। अभियुक्त को हाईकोर्ट में अपील दायर करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है।