देशभर में 44 फीसदी विधायक ऐसे हैं। जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें केरल पहले स्थान पर है। केरल में सबसे ज्यादा 70 फीसदी विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। ये आंकड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से किए गए विश्लेषण से सामने आए हैं। यह डेटा विधायकों ने चुनाव लड़ने से पहले दायर किया था। इन विश्लेषण में 28 राज्यों के विधानसभा और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 4,033 से कुल 4,001 विधायकों को शामिल किया गया। जिसके मुताबिक विधायकों में 1,136 यानी लगभग 28 प्रतिशत ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें हत्या, अपहरण, हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े गंभीर आरोप शामिल हैं। राज्यवार आंकड़ों पर गौर करें, तो केरल में 135 में से 95 विधायकों यानी 70 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है। जो इन सब में अव्वल है। इसी तरह बिहार में 242 विधायकों में 161 यानी 67 फीसदी, दिल्ली में 70 में से 44 विधायक यानी 63 फीसदी, महाराष्ट्र में 284 में से 175 विधायक यानी 62 फीसदी, तेलंगाना में 118 में से 72 विधायक विधायकों यानी 61 प्रतिशत और तमिलनाडु में 224 विधायकों में से 134 यानी 60 प्रतिशत ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ केस दर्ज होने की जानकारी दी है।
त्रिपुरा के विधायकों के पास सबसे कम संपत्ति
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के 223 विधायकों के लिए 64.39 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति के साथ इस सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 174 विधायकों के लिए औसत संपत्ति 28.24 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 284 विधायकों के लिए 23.51 करोड़ रुपये है। त्रिपुरा 1.54 करोड़ रुपये के साथ सबसे कम औसत संपत्ति वाला राज्य रहा। इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल आता है। जिनके 293 विधायकों के पास संपत्ति 2.80 करोड़ रुपये और केरल में 135 विधायकों के पास 3.15 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वही दिल्ली में 70 में से 37 विधायक यानी 53 प्रतिशत, बिहार में 242 में से 122 विधायक यानी 50 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 284 में से 114 विधायक यानी 40 प्रतिशत, झारखंड में 79 में से 31 विधायक यानी 39 प्रतिशत, तेलंगाना में 118 में से 46 विधायकों यानी 39 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 403 में से 155 विधायकों यानी 38 प्रतिशत ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।