बहुत चर्चित चारा घोटाले के मामले में दोषी करार 36 अभियुक्तों को अदालत ने चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी अभियुक्त पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया है। वही,अदालत में डॉ गौरी शंकर प्रसाद पर एक करोड़ रूपया जुर्माना लगाया। यह सजा डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 60 लख रुपए की अवैध निकासी मामले में सुनाई गई है। इसको लेकर सीबीआई ने अप्रैल 1996 में कांड संख्या आरसी 48 ए/ 96 दर्ज किया था। सीबीआई की विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 28 अगस्त को 36 अभियुक्त को दोषी पाकर जेल भेज दिया था। साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए एक सितंबर की तारीख निर्धारित की थी। इस मामले में तीन लाख से लेकर एक करोड़ रुपए अबतक अदालत ने दोषियों पर जुर्माना के तौर पर लगाया है।
जेल में बंद अभियुक्तों को मिली सजा :
अदालत ने दोषी पाए जाने के बाद अभियुक्तों को जेल भेज दिया था। इसमें नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ जुनूल भेंगराज, डॉ केएम प्रसाद, डॉ राधा रमण सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फणिंद्र कुमार त्रिपाठी, आपूर्ति कर्ता महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, डॉ बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सिन्हा, राजन मेहता, रवि नंदन कुमार सिन्हा उर्फ रवि कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, मो सईद, मो तौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, डॉ अजित कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिंह, मोहिंद्र सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, मदन मोहन पाठक एवं प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार का नाम शामिल है। अदालत उक्त अभियुक्तों को चार सजा और जुर्माना लगाया है ।