मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक की गयी। इसमें प्रदेश के विभिन्न कारागृहों में आजीवन सजा काट रहे 41 कैदियों की रिहाई से जुड़े मामले पर समीक्षा हुई। अदालत संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर गहन विचार करने के बाद 28 कैदियों को रिहा करने को लेकर स्वीकृति प्रदान किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिन कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की गई है उनका सामाजिक पुनर्वास आवश्यक है। इससे जुड़े विभाग के अधिकारी एक बेहतर कार्य योजना बनाकर इन कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करें। जेल से रिहा होने के बाद ऐसे कैदियों की गतिविधियों की निरंतर ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
कैदियों की काउंसलिंग जरुरी : सीएम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समय-समय पर इन कैदियों के काउंसलिंग भी की जाए। यह इन कैदियों के लिए अहम होगा। जेल से निकलने के बाद इन कैदियों के जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई बाधा और आर्थिक समस्या उत्पन्न नहीं हो, इस निमित्त देखने की जरुरत है।